Wednesday, 10 December 2025

ऐ सुबह

ऐ सुबह 
तुम हर रोज आती हो 
आशा की किरण साथ लाती हो 
नव जीवन का संचार करती हो 
प्रकृति का संचालन करती हो 
सब में स्फूर्ति भरती हो 
नव निर्माण का आवाहन करती हो 
नीरव शांति को गुंजायमान करती हो 
सबको कर्म के लिए प्रेरित करती हो 
हर जीव को तुम्हारी प्रतीक्षा
भोर हुई प्रकाश फैला 
सब नींद से जागो 
यह संदेश लाती हो 
उजायमान करती हो 
हर कोने में उजाला 
नही रहता कहीं अंधेरा 
हर जीवन में प्रकाश
कण कण में जीवन 
तुम ही तो संबल
तुम से ही तो संसार 

Tuesday, 9 December 2025

रिश्ते - नाते

रिश्ते नाते प्यार वफा सब
नाते हैं नातों का क्या
कोई किसी का नहीं है 
यह गाना सुना था

यह सही है
फिर भी संसार तो इन्हीं से चलता है
बिना रिश्तों के
बिना अपनों के जिंदगी की कल्पना 

नहीं वह तो नीरस हो जाएगी 
जीने का मजा ही खत्म 
हाँ रिश्तों की भी मियाद होती है
जो किसी समय अजीज होते हैं 
एक समय भार लगने लगते हैं 

फिर भी सोचो तो जरा
उस पल को याद करों 
जब ये साथ थे
कितनी खुशियाँ थी
कितना समय हमने सुख दुख बांटा है
गमी और खुशी बांटी है
मजा और मजाक किया है

हो सकता है
आज रिश्तों में वह बात नहीं रही 
पर जीवन का अभिन्न अंग है वे
वे साक्षी है हमारे संबंधों का
इसलिए इन्हें पूरी तरह झुठला नहीं सकते
उसी पर जीवन की नींव मजबूत खडी है

वक्त बदलता है
विचार बदलते हैं 
सबंध भी बदलता है
जो बात पहले थी अब नहीं रही
तब भी संसार तो आज भी इन्हीं से चलता है ।

Monday, 8 December 2025

पिता

पिता का आधार
नहीं कोई दूजा उस समान
माता माता सब करें
पेट का जुगाड़ पिता करें
दर दर भटके 
दिन रात एक करें
तब जाकर घर खडा करें
मालिक की बातें सुने
समाज के उलाहने सुने
तब जाकर हमें बोलने लायक बनाएं
स्वयं अनपढ़ रहे
बच्चों को शिक्षित करें
स्वयं फटेहाल रहे
बच्चों के तन पर कपड़े धरें
ऊपर से कठोर दिखे
अंदर से प्रेम हिलोरे ले
स्वयं बेहाल रहें
सबको हर हाल में खुश रखें
पिता बिना परिवार अधूरा
उसकी छत्रछाया में आसमान समाया
नहीं किसी का हो एहसान
जब पिता का हो साथ
जो करता है 
दिखाता नहीं
जिस पर हो हमारा पुर्ण अधिकार
जो हमारी मनुहार और जिद पूरी करें
एक उसका होना ही
दे देता हो निश्चिंतता का आभास
उसके रहते ले सकते सुकून की सांस
जब तक पिता तब तक नहीं जिम्मेदारी का एहसास
न बडप्पन  का 
पिता का आधार 
नहीं कोई दूजा उस समान

Sunday, 7 December 2025

मत कहो

मत कहो किसी से कुछ 
अकेले में रो लो
ईश्वर के आगे प्रार्थना कर लो 
मत बताओ मन की पीड़ा 
मन हल्का नहीं होता 
आप हल्के हो जाएंगे  
परिस्थित बदल भी जाएंगी 
लोग याद दिलाएंगे 
आप शायद भूल गए होंगे 
वे नहीं भूलते 
ये दुनिया है साहब 
यहाँ दुआ देने वाले कम
द्वेष रखने वाले बहुतायत 

रहिमन मन की व्यथा 
मन ही राखे कोय
सुन इठलैहे लोग 
बांट न लैहे कोय 

बस ईश्वर साथ रहें 
उसकी कृपा बनी रहें