Friday, 19 March 2021

बच्चों का मन

मैं कुत्ते को हर रोज बिस्किट खिलाती हूँ।
उस दिन खिला रही थी
अचानक दो - तीन बच्चे आकर खडे हो गए
उत्सुकता से निहार रहे थे
अचानक आपस में फुसफुसाने लगे
एक कह रहा था
देखो कुत्ते का भाग्य कितना अच्छा है
उसे बिस्किट खाने को मिल रहा है
हमें तो सूखी रोटी भी फेंक कर मिलती है
अपने को भी कोई प्रेम से खिलाता
सब लोग दुत्कारते हैं
लगा यह कैसी विडंबना है
हर जीव का अधिकार है भोजन का
वह जानवर हो या मनुष्य
ऐसा नहीं कि पशु को न खिलाया जाय
पर्स में से बिस्किट का पैकेट निकाला
आगे बढाते ही लपक कर ले लिया
उछलते - कूदते भाग गए
उनकी हंसी और मुस्कान
उस बिस्किट के सामने कुछ भी नहीं थी ।

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