Friday, 19 March 2021

भरोसा है अपने पर

यह पेड़ मेरा आसरा है
यह बात तो मुझे भलीभाँति पता है
लेकिन यह भी पता है
न जाने कब कोई झंझावात आ जाएं
कब कोई डाली टूट जाएं
तब भी मैं गिरूगा नहीं
मुझे अपने आप पर
अपने पंखों पर भरोसा है
मैं पूर्ण रूप से उस पर निर्भर नहीं
कब कौन सा सहारा खत्म हो
कब कौन छूट जाएं
इससे तो हर कोई अंजान
उडान भरनी है तो अपने दम पर
आत्मनिर्भरता तो जीवन की मांग है
कब तक कोई साथ चलेगा
चलना तो अकेले ही है
मंजिल पर पहुंचना भी अकेले ही हैं
तब भरोसा हो अपना

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