Saturday, 29 May 2021

बस साथ- साथ चलो

न तुम  पीछे चलो
न तुम  आगे चलो
सात फेरों की रस्मों  को छोड़ो
बस मेरे साथ - साथ चलो
न मैं  पति परमेश्वर चाहता बनना
न तुमको बनना है देवी
एक सामान्य  सा इंसान
जिसकी अर्धांगनी  हो तुम
नहीं  चाहता  तुम  मेरा अनुकरण  करों
जो मैं  कहूँ  वह करों
तुमको  जो करना है वह करों
स्वतंत्र  रहों विचार  करों
ब्याह कोई बेडी नहीं
यह तो प्यार  का बंधन  है
बहुत  ही नाजुक  भी
बहुत  ही मजबूत  भी
कुछ  दिन या बरस की बात  नहीं
जन्म- जन्म  का साथ है
जवान है तब भी
बूढ़े  होंगे  तब भी
हर सुख दुख
बीमारी  हारी
उतार चढ़ाव
साथ रहकर कांटेगे
यह वादा  रहा मेरा
तुम  न कम न ज्यादा
जैसा मैं  वैसी  ही  तुम  भी
सब पर बराबर  अधिकार
बराबर की भागीदारी
जो भी होगा सब साथ- साथ होगा
न आगे चलो न पीछे
बस साथ साथ  चलो

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