आज देव साहब का जन्मदिन है वे शरीर से भले ही हमारे बीच नहीं हैं लेकिन लोगों के दिलों में वे जीवित है और हमेशा रहेगे
उनकी वह हिलने और सर झुकाने की अदा
उनके प्यार और रोमांस की अदा
वह काला कोट पहनने की अदा उनकी अदाओ का सारा जमाना दीवाना था लडकियॉ उन पर मर मिटती
समय से आगे रहे हैं देव साहब
गाइड ,हरे रामा हरे कृष्णा यह फिल्में मील का पत्थर है
२६ सितम्बर १९२३ को पंजाब के गुरूदासपुर में जन्मे देवानन्द अपनी एक अलग छाप छोडी
उनका अभिनय का अंदाज ही निराला था
फिल्म बनाना नये नये विषय को लेकर और नयीअभिनेत्री को लेकर
जीनत अमान और टीना मुनीम उन्हीं की खोज है
गाइड का लाजवाब किरदार उनसे अच्छा कोई निभा ही नहीं सकता था
वे फिल्म इंडस्ट्री के भी एक तरह से गाइड ही थे
उन्होने अपना सारा जीवन फिल्म को ही समर्पित किया
अंतिम समय तक उन्होने अपना साथ फिल्म के साथ निभाया
वे सही अर्थो में नायक थे लोगों के दिलों पर राज किया
उनके प्रशंसक हमेशा उनके ही रहे नौजवान बने रहना और दिखना देव साहब को हमेशा पसन्द था
उमर के आखरी पडाव पर भी वे नौजवान ही बने रहे
उनका निराला अंदाज शायद ही फिर कभी देखने को मिले
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