सिने जगत वाले कुछ महीनों से पुणे फिल्म इंस्टियूट पर चौहान की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को लेकर नाराज है
छात्रों ने आंदोलन भी छेड रखा है
एफ टी आई आई का मुद्दा कोई छोटा नहीं है
यहॉ सभी वोट करने वाले बालिग है
अगर इनके वोट पर सरकार बन सकती है तो संस्था के अध्यक्ष पद पर कोई अखरता है तो उस पर भी ध्यान देना चाहिए
सबको मिल जुलकर बातचीत करनी चाहिए
जहॉ उनका स्वागत नहीं हो रहा है उसे पकड कर बैठने की क्या जरूरत है यह गजेन्द्र चौहान को भी सोचना चाहिए
महाभारत में युधिष्ठिर की भुमिका निभा चुके चरित्र से भी प्रेरणा लेनी चाहिए
अपनी और इंडस्ट्री दोनों की इज्जत का सोचना चाहिए
ऐसा न हो कि मामला बद से बदतर हो
समय रहते ही प्रतिषठा बचा ली जाय तो बेहतर हैं
कही यह मामला एक मजाक बन कर न रह जाए
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