Wednesday, 6 January 2016

हग शख्श परेशां है जहॉ में

एक के पास दोमंजिला मकान तो दूसरा बेघर
एक के पास छप्पन भोग तो दूसरे को पेट भर रोटी भी दुर्लभ
एक बिजली -पानी का बिल भरने को लाचार
तो दूसरा टैक्स दे -देकर परेशान
एक लोकल ट्रेन और बस के धक्के खाकर परेशान
तो दूसरा गाडियॉ कहॉ रखे उससे परेशान
एक दूसरों की बेईमानी से परेशान
तो दूसरा सच्चाई से परेशान
एक की मुसीबत कि पैसा कहॉ रखे
तो दूसरा शून्य बैंलेस होने से परेशान
एक पडोसी की खुशियों से परेशान
तो दूसरा ऐसे पडोसी से परेशान
मतलब यह कि इस जग में हर कोई परेशान
हॉ परेशानियों में जरूर जमीन - आसमान का अंतर है
जब तक रहता है किसी न किसी कारण से परेशान ही रहता है
परेशानियों का कोई अंत नहीं
सही है यह पंक्तियॉ
यहॉ मुकम्मल जहॉ नही मिलता
किसी को जमीं तो किसी को आसमां नहीं मिलता

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