नयी प्रभात नया साल नये विचार
सब कुछ नया -नया
पर हम तो वही है
वही समाज वही लोग
बहुत कुछ रह गया है उसे पूरा करना है
कुछ रूठ गये कुछ छूठ गये
सभी को पास लाना है अपना बनाना है
कुछ जिम्मेदारियों को पूरा करना है
अपनी आदतों में बदलाव लाना है
बुराई को भगाना है
कुछ खोयी हुई मुस्कराहटो को वापस लाना है
जिंदगी के लम्हों को जी भर जीना है
एक नागरिक का फर्ज निभाना है
परिवार के सदस्यों के लिए प्यार और समर्पण करना है
अपनी सेहत का भी ध्यान रखना है
क्योंकि हम सही सलामत तो सब सलामत
यही तो हमसे छूटा जा रहा है
इस आपाधापी में जिंदगी जीने की कला सीखना है
सारी उन्नति और विकास कर तो ली
पर आनंद कही पीछे छूट गया
तनाव पाल रखा है आगे बढने की होड में
मकडी के जाल जैसै अपने ही बनाये मायाजाल में उलझ गये है
संतोष कही छूट गया
इन सब को वापस भी पाना है
इसके लिए सहनशीलता ,धीरज क्षमा ,शांति को भी अपनाना है
यही सब तो नये साल में करना है
अपने साथ साथ खुशी भी बॉटना है औरों में
नव वर्ष आनंददायी हो
परिवार ,समाज ,देश ,संसार सभी के लिए
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