नदी देती रहती है इसलिए उसका पानी मीठा रहता है
समुद्र लेता रहता है इसलिए उसका पानी खारा रहता है
नाला रूका रहता है इसलिए उसका पानी गंदा रहता है
जीवन भी कुछ इसी तरह है
अगर रूकोगे तो सड जाओगे
देते रहोगे तो खुश रहोगे
एक तालाब था ,पास ही एक नदी बहती थी
तालाब नदी से कहता है कि बहन तुम क्यों अपना मीठा जल सागर को देती हो
वह तो उसे खारा बना देता है
नदी कुछ नहीं बोली सिर्फ मुस्कराई और कहा
मैं अपना काम कर रही हूँ
गर्मी आई तलाब पूरा सूख गया
नदी का पानी भी कम हो गया पर पानी देना कम नहीं हुआ
सागर का पानी भाप बन कर उडता रहा
बादल आए और गरज- गरज कर बरसे
तथा पानी बरसाने लगे
नदी फिर लबालब भर गई और उसी गति से सबको पानी देने लगी
जीवन का उपयोग दूसरों की भलाई में लगाए
जीवन में स्वार्थी मत बनिए नहीं तो नाले की हालत हो जाएगी.
आगे बढे और उन्नति करें
कर भला तो हो भला
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