बादल बरसे झम-झम -झम.
मनवा डोले थम- थम -थम
भीगा मन ,भीगा तन
मन में उमंगे उठने लगी
चारों दिशाएं डोलने लगी
धरती झूमी ,अंबर झूमा
झूम उठा घर- संसार
अबके बदरा आयो बहुत तरसायो
दिल में प्रेम की लगन जगायो
पिया मिलन की आस ,तिस पर बरसात
बरसो झूम- झूमकर.
मन डोले पिया संग.
दोनों के आने संग खुशियां आई.
पिया आए सुख संग लाए
बरखा आई मन हर्षाया.
झूम उठा मन झूले में
पडने लगी सावन की बूंदे
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