आरक्षण के विरोध में अब वे लोग जो आरक्षण की श्रेणी में नहीं आते हैं वे भी अब मांग कर रहे हैं
पटेल आंदोलन ,जाट आंदोलन और अब मराठा आंदोलन उग्र रूप धारण कर रहा है
जगह- जगह लोग जमा हो रहे हैं
बिना किसी राजनीतिक दल के सहयोग के नेतृत्व के
हर शहर में महाराष्ट्र के जमा हो रहे हैं
यह शॉतिपूर्ण प्रदर्शन है
काा कपडा या पट्टी बांध कर और शिवाजी का झंडा लेकर
क्यों आज जो संपन्न कही जाने वाली जातियॉ भी आरक्षण की मांग कर रही है
जमींदार अब रहे नहीं
खेती बटते- बटते कगार पर पहुँच चुकी
किसान की हालत अच्छी नहीं
दूसरी जातियों के लोग शहर जा कर जीविका कमा रहे हैं इससे उनका जीवन स्तर भी ऊँचा हुआ है
यह मेहनतकश लोग हैं
दूसरे आरक्षण की कृपा भी इन पर है
एक- एक घर में चार- चार सरकारी नौकरी में हैं
दूसरे उच्च वर्ग के बच्चे निराशा में है
नौकरी नहीं मिल रही
सबको रोजगार देने वाला किसान आत्महत्या कर रहा है
बच्चे पूछ रहे हैं कि हमने क्या कसूर किया
हम क्यों नहीं वह सब हासिल कर रहे जो आरक्षण प्राप्त लोग कर रहे हैं
बाबासाहब के समय परिस्थिती अलग थी.
आज पंडित और क्षत्रिय का बेटा मॉल में शौचालय भी साफ कर रहा है
और ईमारत में मजदूर का काम भी कर रहा है
अब पिछडे कहे जानेवाली जातियॉ उन पर व्यंग्य कर रही है
हँस रही है और मजाक भी उडा रही है
यह सब गॉव में देखने को मिल रहा है जहॉ इसी वजह से आपस में कटुता निर्माण हो रही है
पहले किसी पर अत्याचार हुआ था इसलिए उन लोगों के कर्मों का फल नयी पीढी भुगते
यह समाज में खाई बढ रही है
अब उस वर्ग का भी सोचना है
उनके बच्चे पूछ रहे हैं - हमें क्यों नहीं आरक्षण
हमें क्यों नहीं नौकरी
हमें क्यों नहीं स्कालरशिप
हमें क्यों नहीं फीस की सुविधा
हमें क्यों नहीं एडमिशन
???????????
यह प्रश्न है और इसका हल नेताओं को ढूढना है
राजनीति की बिसात पर दूसरों के साथ अन्याय
क्योंकि उनकी संख्या कम है
वे वोट बैंक नहीं है
वे यादव या पिछडे या अनुसूचित जाति या जनजाति के नहीं है
या फिर अल्पसंख्यक नहीं है
पर देश के निवासी तो है..
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
No comments:
Post a Comment