आज विश्व शांति दिवस
और कुछ दिन पहले ही भारतीय सैन्य पर हमला
अभी तो सैनिकों की चिता भी नहीं बुझी है
भारत शांति की बिसात पर क्या कुछ नहीं सह रहा है
नवाज शरीफ को जवाब नहीं देना है
आंतकवाद पाकिस्तान की धरती पर फलफूल रहा है
सब लोग कडे शब्दों में निंदा कर रहे हैं
ओबामा से लेकर जर्मनी तक
पर भारत कब तक यह सहेगा
विश्व को केवल बताने से कि पाकिस्तान आंतकवाद को पालने - पोषने वाला देश है
हमारी समस्या तो कम नहीं होती
बल्कि कसाब जैसों को आंतकवादी का प्रमाण दुनियॉ को देने के लिए करोडो खर्च कर देते हैं
पाकिस्तान तो वैसे ही तन कर खडा है
विश्व समुदाय क्या कर रहा है???
भारत को अपनी लडाई स्वयं लडनी है
हमारे लोगों की जान इतनी सस्ती है क्या??
आज हर धर्म के लोग खुल कर बोले
पाकिस्तान की निंदा करें.
कितना सहेगे और मरेगे
हर व्यक्ति को विरोध करना है
कश्मीर की समस्या तो मुँह बाए खडी है
हम बुद्ध और गॉधी के देशवासी भले हैं
शॉति भी चाहते हैं
पर कायर तो नहीं.
अर्जुन की तरह गांडीव उठाने की जरूरत है
अमेरिका से सीखे
ओसामा बिन लादेन के साथ क्या किया
हम डर रहे हैं
पडोसी वार पर वार किए जा रहा है
परमाणु युद्ध की धमकी भी दे रहा है
युद्ध कभी अच्छा नहीं होता
विनाशक ही होता है
सारा विश्व आंतकवाद की समस्या से ग्रस्त है
तो फिर सब क्यों नहीं आंतकवाद देश का बहिष्कार करते
केवल बोलने से कुछ नहीं
कारवाई भी करें
मानवता की हत्या हो रही है
और विश्व बेबस ,लाचार बना देख रहा है.
धर्म और समुदाय के नाम पर हत्या
निरीह लोगों का रक्त बहाना
अब केवल बोले नहीं बल्कि ठोस कदम उठाया जाय
मंदिर ,मस्जिद ,गिरजाघर ने बॉट लिया भगवान को
धरती बॉटी ,सागर बॉटा ,मत बॉटों इंसान को
यह कैसी विडंबना है कि शॉति दिवस पर युद्ध की बातें हो ,अशॉति की चर्चा हो.
पाकिस्तान खेलने ,गाने और अभिनय में भाग लेता है
पर यही जब बम फोडता है तो यह लोग चुप रहते हैं
भारत का हर मुसलमान पाकिस्तान का विरोध क्यों नहीं करता??
बाकी दूसरी सब बातो का विरोध होता है
एक सामान्य फिल्म के नाम पर भी विरोध
आंतकवादी को फॉसी पर विरोध
पर देश की सुरक्षा में मारे गए सैनिकों के लिए किसका विरोध. ?????
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