Sunday, 9 October 2016

देशप्रेम की यह भी मिसाल

गुजरात के व्यापारियों ने पाकिस्तान को सब्जी देने से मना कर दिया है
वाघा बार्डर से करोडो रूपये की सब्जी का व्यापार हर रोज होता है
हरी मिर्ची ,टमाटर ,प्याज और दूसरी रोजमर्रा की सब्जियॉ
व्यापारियों का कहना कि हम भले सब्जी एक रूपए किलो के भाव बेचेगे
घाटा उठा लेगे पर पाकिस्तान को नहीं बेचेगे तब तक जब तक वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आता
हमारे नेताओं को इनसे सबक लेना चाहिए
देश की सुरक्षा को राजनीति से नहीं जोडना चाहिए
चुनाव की लडाई और देश की लडाई दो अलग- अलग चीजें है
आज विपक्ष भी सरकार पर उंगली उठा रहा है
इतना प्रोपोगंडा और पोस्टरबाजी
पहले भी लडाईयॉ लडी गई है
सर्जिकल कारवाई भी हुई है.
पर इस बार इतना हो हल्ला
रावण ,मेघनाथ और राम के पोस्टर में नेता
कारवाई तो करनी ही थी
पाकिस्तान वार पर वार करता रहे
और सरकार चुप कैसे बैठती
जनता का आक्रोश भी था.
नेताओं को राजनीति करने से बचना चाहिए
चाहे वह पक्ष हो या विपक्ष.
दोषी तो दोनों ही है
गुप्त जी की पंक्तियॉ.
   टूकडे - टूकडे हो बिखर चुकी मर्यादा
   उसको दोनों ही पक्षों ने तोडा है
   पांडव ने कुछ कम ,कौरव ने कुछ ज्यादा
हमारे घर में जो आपस में तू तू मैं मैं चल रही है
उसका फायदा पडोसी न उठा पाए
देश के मामले पर सब एक
और देशभक्ति को चुनाव से न जोडा जाय

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