बचपन में धोबी और गधे की बहुत सी कहानियॉ सुनी और पढी है
पर इतनी चर्चा में गधे कभी नहीं रहे
जब किसीकी बुद्धि पर सवाल उठाना होता है तो यह सुनने में आता है
यह तो गधा है या गधी है
पर इस बार के चुनाव में गधे भी एक मुद्दा बने
किसने किसको गधा बोला या लक्ष्य साधा
गधे से काम कैसे लेना है
गधा क्या- क्या करता है
कितना मेहनती होता है
कितना शॉत और धीरज धर काम करता है
अपने मालिक का वफादार रहता है
उससे संबंधित धोबी समाज ने भी इसका विरोध किया
गधे का अपमान हुआ
पर आज तक गधे के नाम पर कितनों का अपमान हुआ होगा
हर व्यक्ति ने कम से कम बार एक बार तो यह सुना ही होगा
अब पहली बार यह प्रकाश में आया है
इसकी सुध ली गई है
इसे भी एक पशु तो समझा गया है जिसकी भी कुछ विशेषताएं है
आज वह गधा केवल धोबी समाज का नहीं
भारत जैसे राष्ट्र का हो गया है
कम से कम नेता अपनी आड में किसी पशु का अपमान मत करे
इसमें उनका ही नुकसान होगा
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