जीवन अनमोल है
परीक्षा तो पूर्ण जीवन पर्यंत चलती रहती है
हर बार सफल होगे या मनमुताबिक परिणाम मिलेगा
यह जरूरी तो नही
यह तो जीवन का पहलापायदान है
अभी तो बहुत सी सीढियॉ चढनी बाकी है
ऊपर की सीढी तक पहुंचना है
कभी पैर लडखडाएगे
कभी कुछ अडचन आएगी
पर ऊपर तो पहुंचना ही है
मंजिल को तो पाना ही है
पर वह कब???
जब यह अमूल्य जीवन रहेगा तब
हॉ प्र्रयत्न नही छोडना है
जो गिरेगा ,वही तो उठेगा
जो हारेगा ,वही तो जीतेगा
गिरना बडी बात नही है
इंसान है ईश्वर तो नही
रिजल्ट तो एक महज कागज का टूकडा है
पर यह याद रखना तुम किसी के कलेजे के टूकडे हो
तुम न रहोगे तो उनका क्या हाल होगा
वह तो जिंदा लाश बन जाएगे
तुम्हारे साथ ही हँसना- रोना
तुममे अपनी खुशी देखना
अपनी ईच्छाओं को तुम पर कुर्बान करना
तुममें ही जागना - तुममें ही सोना
तुम्हारी एक आवाज पर न्योछावर हो जाना
तुम न रहोगो तो किसके लिए जीएगे
जीवन का उद्देश्य क्या बचेगा
उनको मम्मी - पापा कौन कहेगा
अपने लिए नही अपने जन्मदात्री के लिए जीना है
जिसकी हर धडकन तुम हो
कुछ भी ऐसा न करना कि उनको चोट पहुंचे
तुम उनकी ऑखों के तारे हो
इस तारे को टूटने मत देना
हमेशा टिमटिमाते रहना
फिर परीक्षा दे लेना
उसका क्या है
पर उनके प्रेम की परीक्षा मत लेना
हर हाल में तुम ही उनके जीवन हो
यह बात कभी न भूलना
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