भीगा- भीगा सा शमा
भीगा- भीगा सा मौसम
भीगा- भीगा सा मन
यह बरसात तो पहले भी थी
पर तुम्हारा साथ न था
बरखा की बूंदे नहीं ,खुशियों की बरसात है
तुम्हारा साथ और बरखा बहार
यह मिलन रहे सदाबहार
याद आती है वह भी शमा.
जब मैं यहॉ तुम वहॉ
विरह से दिन- रात थे गुलजार
पर आज वह खुशी से गुलजार
आसमां से बारीश की फुहार
ईश्वर की कृपा अपरंपार
बरसती रहे हम पर परिवार पर
No comments:
Post a Comment