कभी बार फिर मुंबई ने यह साबित कर दिया है कि वह जाति- पाति और धर्म से ऊपर है
मुंबई करों का एक ही धर्म है और वह है मानवता
बारह साल के बाद फिर एक बार मुंबई बाढ की आपदा से ग्रस्त हुई
मुंबई कर फिर एक बार मदद करने को सज्ज हुए
न जान न पहचान सिर्फ इंसान
इस बार तो सोशल मीडिया भी सज्ज था
मदद के लिए दिल खोलकर हाथ बढा रहे थे
क्या गडेश पंडाल ,क्या गुरूद्वारा क्या मंदिर क्या मस्जिद
सभी लोग सहायता और शरण देने को तत्पर
भोजन और पानी की व्यवस्था भी
रहने और रात गुजारने की व्यवस्था
पुलिस और प्रशासन भी चाक चौबंद
महानगरपालिका के कर्मचारी भी हालात से निपटने के लिए तैयार
यह प्राकृतिक आपदा है खत्म तो नहीं किया जा सकता
पूरा विश्व ग्रसित है
पर एक होने और मदद का जज्बा वह काबिलेतारीफ है
हर व्यक्ति अपनी सामर्थयनुसार मदद को तत्पर
मुंबई तो सही अर्थों में कास्मोपोलिटिन शहर है
भारत की आर्थिक राजधानी है
संकठ की परिस्थिति में साथ खडी रहती है
नेतागण भी इससे सबक ले
लोगों को विभक्त करने का प्रयत्न न करें
भडकाऊ भाषण देते समय ध्यान रखे
हमें तो मुंबई पर भी भरोसा है
मुंबई कर पर भी
मुंबई महानगरपालिका पर भी
केवल आलोचना करना नहीं प्रशंसा करना भी सीखे
दूसरी बात मुंबई तो हम सबकी है
इसे बचाने की जिम्मेदारी भी हमारी है
हम एक जागरूक मुंबई कर बने
प्रदूषण मुक्त रखे.
अपनी प्यारी मुंबई को संभालना हमारा कर्तव्य भी है
खुश रहना है साथ में त्योहार मनाना है
भाईचारे की भावना कायम रखना है
मत भूलिए
यह है मुंबई मेरी जान
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