हिन्दी मेरी शान है ,हिन्दी मेरी जान है
यह देश का अभिमान है
हिन्दी प्यारी है फिर भी सब पर भारी है
सम्पर्क करना , भावना व्यक्त करना
धर्म - जाति ,अमीर - गरीब का भेदभाव छोड
प्रांत - देश की सीमा छोड
विश्व में पहचान कराती है
तोडना नहीं जोडना सिखाती है
अंजानों को अपना बनाती है
हर ह्रदय में निवास
ज्यादा न सही थोडा ही सही
कोई इससे अंजान नहीं
महानायक ,नेता ,अभिनेता या फिर आम इंसान
जन- जन का साधन है
देवनागिरी को भले ही अंग्रेजी में बोले
बोलना तो मजबूरी है
नेता भले विदेश घूमे ,जनता के दिल तक पहुंचने के लिए हिन्दी का ही दामन थामना है
आम इंसान की तो रोजी - रोटी से जुडी है पर इन बडे लोगों का व्यवसाय और धंदा तो इसके ही दम पर है
इंटरव्यू भले अंग्रेजी में दे और हिन्दी से अंजान रहे
पर हकीकत को तो नकार नहीं सकते
शर्म हिन्दी बोलने वालें को नहीं इनको आनी चाहिए
रोजी - रोटी और मान - सम्मान देने वाली भाषा पर शर्म
कितना भी भागे पर भाग नहीं पाएगे
हिन्दी में है शक्ति ,तभी तो कायल है इसका हर व्यक्ति ।
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