कोर्ट ने आदेश दिया है
दादा दादी ,नाना नानी
इनकी जिम्मेदारी बच्चे संभालना नहीं
बच्चे माँ-बाप की जिम्मेदारी है
जमाना बदला है
पति पत्नी दोनों काम करते है
बच्चों को अपने माता पिता की देखरेख मे छोड़ते हैं
माता पिता उम्रदराज हो चुके होते हैं
उनसे वे संभलते नहीं
पर मजबूरी मे वह करते हैं
स्कूल छोड़ने से लेकर मैदान में खिलाने तक
यह गलत बात है
उनकी उम्र आराम की है
न कि जिम्मेदारी उठाने की
अपना कर्तव्य वे कर चुके हैं
आपको बडा कर
उनकी उम्र पोते -पोतियों से खेलना है
उनकी नैनी या दाई बनना नहीं
अब तक तो वह आपके लिए जी रहे थे
अब अपने लिए जीने दीजिए
उनके बुढापे को.बोझिल मत बनने दे
उन्हें इस भार से मुक्त करिए
अपना भार स्वयं उठाइए .
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