Tuesday, 8 May 2018

बस को क्यों बोल रहे बस

एक जमाना था कि मुंबई की हमारी बेस्ट की बसे सबसे बेस्ट होती थी
आज समय बदल गया है
मिडिल क्लास तो टेक्सी की सोचता नहीं था
रेल की सवारी कोई करना नहीं चाहता था अगर दूर न जाना हो
आज साधन ही साधन है
मुंबई अब बढ चुकी है
अब एक स्टेशन जाना हो तो भी रेल
किसी मे सब्र नहीं है
जल्दी पहुंचना है
समय निश्चित है
फिर किराया ???
रेल मे पास निकाल लिया और चले
स्टेशन के बाहर आँटो या शेयर टेक्सी
अब तो स्कूल के बच्चे भी रेल सफर करते हैं
हम तो बस स्टाप पर खेलते
कंडक्टर और ड्राइवर की डाट सुनते
घर पर बहाना बनाते बस न मिलने की
देर हुआ तब भी
नहीं गए तब भी
आज क्यों ऐसा है
बेस्ट को नजरिया बदलना होगा
लोग बस.तक नहीं बस उन तक पहुंचे

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