कुछ काम जान कर कुछ अंजाने में
गलती हो ही जाती है
मनुष्य तो गलतियों का पुतला
हम दूसरों को तो माफ करते हैं
पर स्वयं को
हम खुदा तो नहीं
कुछ बाते सारा जीवन सालती हैं
क्या करें ??
स्वयं पर भी ध्यान दें
माफ करना सीखें खुद को
उससे सबक लिया जाय
बीती बात तो बीत गई
उसे लौटाया तो नहीं जा सकता
पर मरहम तो लगाया ही जा सकता है
स्वयं को क्षमा करें
आगे बढ़ते रहे
नेक काम करें
किसी का दिल न दूखाए
सारा जीवन बात ढोते रहने से तो बात नहीं बनती
भूलकर ,माफकर आगे बढ़े
जो हुआ वह त़ो हुआ
अब न होने देंगे
संभलकर कदम रखें
राहे इतनी आसान नहीं
इतना बड़ा जीवन
एकदम सरल तो नहीं होगा
आग मे हाथ डाला तो हाथ जलेगा
कर्म करेंगे तो गलती भी होगी ही
पर आप चुपचाप बैठ जाय
अपने को दोषी मानते रहे
इससे बेहतर सबक ले
आगे बढ़े
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