यह पेड़ इनका लगाया
आज खडी है इसके साथ
कितना अच्छा लग रहा
इस हरे-भरे छतनार पेड के पास
वैसे ही परिवार भी है भरा-पूरा
अच्छा लगता है उनके साथ
वह बगिया भी उनकी ही है
बडी मेहनत की है बडा करने मे
इनका उपकृत रहना है
जो पेड़ छाया देता है
उसकी हर पत्ती आदर योग्य है
कभी इनकी छाया मे राहत मिलती
हमेशा साथ निभाया
उसकी देखभाल अब हमको करना है
अब यह हमारी बारी है
इस साथी को नहीं भूलना
आज भी यह दे ही रहा है
महफूज रख रहा है
हवा के थपेड़ों से बचा रहा है
भले उम्र हो
पर जज्बा सुरक्षा का
कायम है
कुछ न कुछ देगा ही
अपने आंगन मे इसे रखिए
शोभा बनी रहेंगी
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