टोपी यह किसी न किसी रूप मे इंसान के साथ जुड़ी है
स्वतंत्रता काल मे गांधी टोपी बन अलख जगाया
केजरीवाल ने आप की टोपी पहनाई
हर पार्टी की अलग अलग टोपी
रंगबिरंगी टोपियां
समाज वादी टोपी
भगवा टोपी
व्यापारी टोपी
गर्मी से बचाने वाली टोपी
आजकल राजनीति मे भी गरमागरमी
हर कोई अपनी टोपी पहनाना चाहता है
न पहने तो बवाल
धर्म की भी टोपी
पर असली बात तो यह कि पहने क्यों
टोपीवाला और बंदर कहानी के बंदर जैसा तो कोई नहीं
देखा तो पहना
फेका तो फेका
जमीर जो कहता है वह करें
हमें कोई टोपी पहनने को विवश न करें
टोपी तो एक जरूरत है
जिसे ठीक लगे वह पहने
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