Sunday, 8 July 2018

हे , घनश्याम

न तेरा है न मेरा है
सब कुछ यही रह जाना है
न साथ लेकर आए थे
न कुछ साथ लेकर जाएंगे
कर्म तो करना है
उसका लेखाजोखा भी होना है
उसके दरबार मे पेश होना होगा
फैसला वही सुनाया जाएगा
न्यायाधीश बैठे सब देख रहा
हिसाब किताब कर रहा
हर किसी को न्यायालय में पेश तो होना है
उसके दरबार में किसी की नहीं चलती
वहाँ कोई भेदभाव नहीं
उसकी कृपा सब पर समान बरसती
बस उसकी शरण मे चले जाय
जो करता विधाता
सब ही ठीक करता
बस उस पर विश्वास रखें
जब चारो तरफ अंधेरा घना
तब घनश्याम एक तेरा ही सहारा
अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखना
हम है तुम्हारे ही सदा
मत भूलना हमको कभी

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