बप्पा की बिदाई हो रही है
आँख नम हो रही है
बहुत रौनक भरा माहौल
मुंबई का
मुंबईकर का सौभाग्य है
बप्पा आशिर्वाद देकर जा रहे हैं
अगले साल फिर आने के लिए
मुंबईकर कितने उत्साहित रहते हैं
जात पात ,धर्म भेद को मिटाकर
सब बप्पा की सेवा मे तत्पर
भावभीनी बिदाई
सारी.मुंबई जैसे घर से निकल पड़ती है
अपने बप्पा को बिदाई देने
उनका दर्शन करने
उनकी एक झलक पाने
कल पंडाल खाली दिखेंगे
ऐसा लगेगा
जैसे अपना कोई छोड़ गया है
दस दिन तक जश्न का वातावरण
वह तो अपने आप मे देखने लायक
बिदाई करते समय भी यही भावना
तभी तो कहते हैं
गणपति बप्पा मोरया
अगले बरस तू जल्दी आ
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