दांत मे बहुत दर्द था
डॉक्टर के पास गई
कहा,इसको निकाल दो
डाँक्टर कहने लगी
यह अभी मजबूत है
रुट कनाल करा लीजिये, अच्छा रहेगा
मैंने कहा उम्र हो गई है
कमजोर हो रहे हैं ,एक -दो टूट भी गए
दर्द बर्दाश्त नहीं हो रहा
उसने कहा इन्फेक्शन है वह तो ठीक हो जाएगा
दवा दे रही हूं, उसके बाद रूट कनाल हो जाएगा
साफ कर जो खड्डा है वह भर जाएगा
तब कुछ साल तक चलेगा
पर मैं जिद कर रही थी
निकलवाने पर अड़ी थी
तब उसने कहा, ठीक है ,इन्फेक्शन ठीक हो जाएगा
तब आ जाना
पर एक बात सोच लीजिए
आपके पैर मे दर्द है
ठीक से चल नहीं पा रही
पर इसका मतलब यह तो नहीं
आप पैर कटवा लेगी
मैं अवाक हो उसे देखने लगी
वह मुझसे उम्र मे काफी छोटी बच्ची
जीवन दर्शन समझा रही थी
अगर दर्द है दुख है
तब भी जीवन अमूल्य है
हमें उसे खत्म नहीं करना
उससे लड़ना और सुधारना है
जब खत्म कर लेगे
तो बचता ही क्या है
जीवन है तो आशा भी है
कल शायद सुखद हो
उसका रूट कनाल करना है
मजबूत बनाना है
जड़ से उखाडकर फेकना नहीं है
बल्कि अंदर की संड़ाध और गंदगी को साफ कर
फिर जीने लायक बनाना है
यही जिंदगी का मर्म है
यह.समझना बहुत जरुरी है
जिंदगी का फलसफा भी यही है।
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