Saturday, 17 November 2018

रंगों भरा जीवन

जीवन एक कोरा कागज
यह तो ऐसे ही मिला है
इसमें चित्र हमें रेखना है
रेखांकित आकृति मे रंग भी हमें ही भरना है
मनभावन रंग से उसे आकर्षक बनाना है
जैसा रंग चाहिए वैसा रंग
जो नहीं पसंद उसे हटा दे
या उस पर दूसरा रंग बिखेर उसका रूप ही बदल दे
फिर वह रंग प्यार का हो या घृणा का
उसे सुंदर बनाना है
या बदसूरत
कलाकृति हमारी
कलाकार भी हम
जो चाहिए जैसा चाहिए
वह आकार दे
निर्णय लेने में स्वतंत्रता है
मन से बनाए या बेमन से
यह हम पर निर्भर है
क्यों नहीं इसमे अपना सारा प्रयत्न डाल दे
अपनी सामर्थ्य का लोहा मनवाए
रंग भी हमारा रंगकार भी हम
बस रंगमंच पर कौशल दिखाना है
रंगीन बनाना है
बेरंग नहीं
और छटा बिखेरना है
देखकर लोगों के मुख से
बस   .वाह . ..  कहलवाना है ।

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