कौन कहता है
भारत गरीब है
यहाँ की शादी देखे
वह नायाब है
फिर वह अंबानी ,प्रियंका या दीपवीर की हो
इतना ठाठबाट
इतना खर्चा
इतना दिखावा
और हो भी क्यों न
पैसा है नाम है
शोहरत है इज्जत है
यहाँ तो गरीब भी नाम और इज्ज़त के पीछे दौड़ता है
भले ही भरपूर पैसा न हो
घर गिरवी रखना पड़े
कर्ज लेना पड़े
जमीन बेचना पड़े
सारी जयाप़ूजी लूटा दी जाती है
समाज को दिखाने के लिए
जम कर दहेज का लेन देन
आजकल तो और बढ़ गए हैं खर्चे
अब तो मेंहदी और संगीत भी साधारण नहीं
पहले जो रस्म घर पर होती थी
आज उसके लिए भी हाँल बुक होते हैं
न जाने कितने वेराइटी का खाना
खाया भी नहीं जाता
बर्बाद होती है वह अलग
टेलीविजन संस्कृति का.भी प्रभाव है
सीरियल जैसे सब होना चाहिए
अब तो गांव मे भी यह पहुंच चुका है
अब वहाँ भी सादगी नहीं
जबकि शिक्षा का प्रभाव बढ़ा है
तो यह तामझाम कम होना चाहिए
पर यह तो बढ़ा जा रहा है
किसान मर रहा है
भूखमरी है
आश्चर्य है
जब एक शादी में इतना खर्च. होता है
तब
वहाँ लोग गरीब कैसे हो सकते हैं
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
No comments:
Post a Comment