बिटिया रानी बड़ी सयानी
उड़ रही आसमान मे
सपने साकार कर रही
अपने पंख फैला रही
खानदान का नाम रोशन कर रही
आगे बढ़ रही
सबको पीछे कर रही
वह भी घर का चिराग है
रोशन कर रही
अभी तो पंख खोले हैं
घर की चहारदीवारी से बाहर आई है
जीने की आजादी पाई है
बहुत आगे जाना है
आपना परचम फहराना है
बेटा नहीं बेटी के रूप को ही गर्वित कराना है
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