आज हवा उदास है
हवा मे नमी है
सब तरफ गमी है
सरहद से हवा जो चली
वह फिजा मे घुल गई
हर शख्स उदास - गमगीन है
गुस्से मे खौल रहा है
शहीदों के परिवार के आंसू सहन नहीं हो रहे हैं
किस तरह इसका बदला ले
हर शख्स अपनी अपनी तरह से सोच रहा है
हाँ ढंग अलग हो सकते हैं
सारा भारत एकजुट है
आज वह सारे भेदभाव भूल गया है
बस किस तरह सबक सिखाया जाय
जवानों के हत्यारों को बख्शा नहीं जाना चाहिए
सब इस पर एकमत है
यही तो हमारी अंखडता की शक्ति है
मुश्किल घड़ी मे सब साथ है
कोई नजर उठाए माता पर
यह तो किसी को स्वीकार नहीं
हम तभी तो भारतीय है
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