जीवन परिपूर्ण नहीं होता
उसे बनाना पड़ता है
सब कुछ तो हमारी इच्छा से नहीं
इस जीवनरुपी गाड़ी मे कभी ब्रेक लगता है
कभी एक्सिडेंट हो जाता है
कभी ट्रेफिक मे अटक जाती है
पर चलना नहीं छूटता
गाड़ी को रोज धोकर -पोछकर चमकाना पड़ता है
उसका ख्याल रखना पड़ता है
उसे खरोंच भी नहीं आने दिया जाता
ऐसे ही नित नई ख्वाहिशें
नित नई परेशानियों का सामना
जीने की जद्दोजहद तो करनी ही पड़ती है
गाड़ी मंहगी है ,सस्ती है
पर जिसके पास है
वह उसे जान से ज्यादा संभालकर रखता है
जीवन का भी यही फलसफा है
जो है जैसा है
हमारी जिंदगी अनमोल है
हम जैसे भी है
ईश्वर की देन है इस पृथ्वी पर
हम स्वयं को बोझ न समझे
न कमतर आके
हर ट्रेफिक पर रुके
सिगनल खुलने पर आगे बढ़े
कभी ब्रेक लग भी जाए
तो फिर नये सिरे से स्टार्ट करें
एक्सीडेंट भी हुआ तो हुआ
मरम्मत कर फिर खड़े हो जाना है
अपना रास्ता खुद चुनना है
मंजिल पर पहुंचकर ही दम लेना है
जिंदगी हमारी है
जीने का तरीका भी हमारा ही होना चाहिए
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