एक कहानी सुनी थी
एक आदमी था ,ईश्वर उसकी भक्ति से प्रसन्न हो उससे वरदान मांगने को कहे
पर यह शर्त थी कि जो उसे मिलेगा उसके पड़ोसी को दूगुना मिलेगा
वह तो सोच मे पड़ गया
बहुत सोच विचार कर उसने अपनी एक आँख फोड़ने को कहा
ताकि उसके पडो़सी की दोनों आँख न रहे
संपत्ति या और कुछ मांगता तो घाटे मे रहता
इस सोच को बदलनी है
पडो़सी खुशहाल रहेगा
तभी वह हमें शांति से रहने देंगा
भूखा और लाचार होगा
तब भी हमें ही परेशानी
उधार ही मांगता रहेगा
जलता रहेगा
परेशान करता रहेगा
झगड़ता रहेगा
पडो़सी बहुत मायने रखता है
तभी तो येसु मसीह ने कहा है
पड़ोसी से प्यार करो
सही भी है
यह ,वह है
जो हमेशा हमारे आसपास ही रहता है
हमसे अवगत रहता है
इसलिए अगर मांगना है
तो अच्छा और खुशहाल पड़ोसी मांगे
आज अगर पाकिस्तान अच्छा होता
पडो़सी धर्म निभाता
तब हमारे लोगों का जीवन नहीं जाता
प्रेम और सौहार्द्र रहता
तब हम भी शांतिपूर्ण तरीके से विकास करते
हमारी शक्ति युद्ध के लिए नहीं होती
मानव कल्याण के लिए होती
पर मजबूरी है
करें क्या??
वाजपेयी जी ने एक बार कहा था
हम पडो़सी तो नहीं बदल सकते
भारत बार -बार कोशिश करता है
पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता
तभी तो यह कहना पड़ता है
भगवान ऐसा पडो़सी किसी को न दे
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