गर्म फिजा
हवा गर्म
तापमान उच्च डिग्री पर
इन सबसे बड़ी चुनावी सरगर्मी
वह जादू चढ़कर बोल रहा है
नित रैलियां
नित नये वादे
जनता को लुभाने की हरसंभव कोशिश
कुछ भी बाकी न रहे
लोकलुभावन वादे की भरमार
पैसे की गर्मी भी सर चढ़ कर बोल रही
खाते मे डालने को तैयार
जीवनशैली सुधारेंगे
हर गरीब की पीड़ा को हरेंगे
इसके बदले रोजगार दे
गरीब को मुफ्तखोरी का पाठ न पढ़ाए
अगर बैठे ही सब प्राप्त
तब मेहनत क्यों ??
जीने के लिए जद्दोजहद क्यों ??
किसान का बेटा खेतों मे काम नहीं करना चाहता
पंरपरागत व्ययसाय बंद हो रहे
उन्हें बढ़ाया जाय
काम के प्रति रूचि निर्माण की जाय
उनपर खर्च किया जाय
बेकारी तो है
पर यह भी सच है कि लोग काम नहीं करना चाहते
उन्हें आरामदायक और कुर्सी वाला जाँब चाहिए
किसान का बेटा शहर मे आकर चौकीदारी करेगा
किन्तु किसानी नहीं
खेत -खलिहान मे काम करने को कोई तैयार नहीं
मजदूर मुश्किल से मिलते हैं
भारत का सबसे बड़ा व्यवसाय
खेती की यह दुरवस्था किसी से छिपी नहीं है
उसे बढ़ाने की जरुरत है
वह तो रोजगार दे सकती है
लेकिन स्वयं तो समृद्ध हो
हरियाली और दूध की नदी जब बहेगी
तब पैसे देने की जरूरत नहीं पड़ेगी
वह तो खुद सक्षम होगा
यह सक्षमता कैसे लाई जाय
इस विषय पर मंथन की जरूरत है
सक्षम बनाया जाय आलसी नहीं
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