मैं नारी हूँ ,मैं औरत हूँ
मैं माँ हूँ मैं जननी हूँ
मेरे ही गर्भ मे जीवन अंकुरित होता है
मेरी ही कोख मे संसार पलता है
मैं दिखती हूँ कोमल ,नाजूक
पर मेरे जैसा मजबूत कोई नहीं
मैं शक्ति हूँ
मैं संसार की धुरी हूँ
मैं पुरुष की अर्धांगिनी हूँ
मैं घरनी हूँ
मैं पत्नी हूँ
मैं बहन हूँ
मैं बेटी हूँ
मैं प्रिया हूँ
मैं संसार की आधी आबादी हूँ
मेरा योगदान घर से बाहर तक
मैं स्वयं को मिटाने की सामर्थ्य रखती हूं
तभी तो नवजीवन का निर्माण करती हूं
मेरी शक्ति का आकलन कोई नहीं कर सकता
मैं काली भी हूँ
मैं दुर्गा भी हूँ
मैं लक्ष्मी भी हूँ
मैं सरस्वती भी हूँ
मैं धरती माँ भी हूँ
सहनशीलता की प्रतिमूर्ति हूँ
मुझसे ही संसार का संचालन
जनमदात्री जो ठहरी
उस पर अबला कहना??
मैं तो सबल हूँ
मैं एक स्त्री हूँ
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