गाय हमारी माता है
बचपन यही सुनते बीता है
माता के लिए सब संतान बराबर
वह कोई भेदभाव नहीं करती
हाँ ,उसके नाम पर भेदभाव अवश्य
वह किसी एक धर्म की नहीं
उसका दूध तो सबके लिए
उसके गोबर के ऊपले हर रसोई के लिए
उस पर राजनीति
गरीब -अमीर
हिंदू -मुस्लिम
सभी बच्चों को इसी का सहारा
फिर तेरा -मेरा क्यों??
मनुष्य ने अपने लाभ के लिए इसका इस्तेमाल किया
खेत -खलिहान या घर -द्वार
पुरातन काल से यह साथी है मानव की
इसको तो झगड़े -टंटे मे मत घसीटो
राजनीति का हथियार मत बनाओ
यह तो निरीह और भोली है
शांत और शाकाहारी है
दूधारू और उपयोगी है
संतोषी और कर्मठ है
इसको आज ही नहीं
पहले भी विवादों मे घसीटा गया
अपनी लड़ाई स्वयं लड़ो
गाय माता के नाम पर
और कुछ नहीं तो सम्मान दो
जिसका दूध पीकर बड़े हुए
जिसका दही -घी खाकर बलवान बने
उस माता की लाज तो रखना
हम सबका कर्तव्य बनता है
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