पुस्तक मेरा जीवन
पुस्तक मेरी दोस्त
पुस्तक मेरी हमसफर
पुस्तक मेरी सहयात्री
पुस्तक मेरी भावना
जीवन ही पुस्तक के इर्दगिर्द
जबसे होश संभाला
तभी से पुस्तकों से नाता जोड़ा
पुस्तक बिना तो मेरा जीवन अधूरा
वह मेरे साथ हंसती है
रोती है
बतियाती है
दिल खोलकर रखती है
गुफ्तगू भी करती है
नाराज और उदास भी करती है
सपनों की दुनिया की सैर कराती है
उड़ान भरना सिखाती है
दिन रात मेरे साथ रहती है
मुझसे जी भर कर प्रेम करती है
मैं इस पर विश्वास करती हूं
जी भर कर भरोसा करती हूं
मार्गदर्शक है मेरी
कभी भी मझदार मे मुझे नहीं छोड़ सकती
मुझे जीना सिखाया
लड़ना सिखाया
मुसीबतों से सामना करना सिखाया
हर चीज से रूबरू कराया
मेरी पहचान है पुस्तक
तभी तो गर्व के साथ कह सकती हूं
सबसे नजदीकी मेरे जो है
वह है ये नायाब पुस्तकें
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