मानसून आया
झलक दिखाकर गया
धूप छाँव का खेल खेल रहा है
लग रहा था
अब राहत मिल गई
पर यह क्या
गर्मी और बढ गई
बूंदाबांदी जब तब हो जा रही
जरूरत है
झमझम बरसने की
धरती को ठंडी करने की
जल बरसे
जी भर कर
थिम थिम नहीं
झर झर
हर हर
फहर फहर
लहर लहर
लगे मानसून आ गया
जल से सराबोर कर गया
रूक रूक
ठहर ठहर नहीं
गरज गरज
चमक चमक
भडम भडम
ऐसे आए
तब मजा आ जाए
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