बात पुरानी है
आज अचानक याद आ गई
हमारी माँ का स्वभाव
हर किसी की सहायता को तत्पर
कभी-कभी हमें कोफ्त होती थी
इसको दूसरों की भलाई कर क्या मिलने वाला है
कोई याद भी नहीं रखता
वह हंसते हुए कहती
कोई बात नहीं
वह नहीं तो कोई और सही
आज मैं किसी के लिए कर रही हूँ
तो मेरे बच्चों के लिए भी कोई करेगा
जिंदगी में ऐसे बहुत क्षण आए
जब किसी अजनबी ने हमारी मदद की
वह कोई नहीं लगता था
किसी पडोसी ने
किसी सहकर्मी ने
किसी मुसाफ़िर ने
यहाँ तक कि बस के ड्राइवर और कंडक्टर ने
वह कुछ नहीं लगते
लेकिन एक मिनट बस रोक हमें देरी से बचा लिया
छोटी हो या बड़ी
घटनाओं की लंबी लिस्ट
जिंदगी भरी पड़ी है इनसे
भलाई कभी बेकार नहीं जाती
आज तुमने किया है
कल कोई और तुम्हारे लिए
ईश्वर किसी न किसी रूप में
किसी को भेज ही देगा
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