हौसला ऊपर रखो
आसमान की उडान भरो
बेहिचक ,बेझिझक
पंखों को कतरनें वाले बहुतेरे
उनकी परवाह न करो
यह यही जमीन पर रह जाएंगे
बीते जमाने के हो जाएँगे
तुम आज हो
पंखों को असीमित फैलाओ
कोई रूकावट न आडे आए
बिना रोकटोक
अपनी मन मर्जी से उडना है
ऊपर उठना है
सारा जहां अपनी मुठ्ठी में करना है
ऐसा कि सब हसरत भरी निगाहों से देखें
और कहें
काश ,हमने भी ऐसा किया होता
तब हम जमीन पर न खडे हो
आसमान की उडान भरते
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