रिश्ते पैसै के नहीं
प्यार के मोहताज होते हैं
यह खरीदे नहीं जाते
निभाए जाते हैं
निश्छल और निस्वार्थ
कपट का अंश नहीं होना चाहिए
अन्यथा यह टिकते नहीं
इसमें हिसाब-किताब नहीं होता
भावना होती है
निस्वार्थ प्रेम होता है
इसमें कोई बडा छोटा नहीं होता
यह दिल से जुड़े होते हैं
इसकी डोर एक सिरे से दूसरे सिरे को जोड़ती है
यहाँ विश्वास होता है
अपार अपनापन होता है
इसे कस कर थामे राखिए
बिखरने मत दीजिये
बहुत मूल्यवान है यह
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