पितृ पक्ष का पावन अवसर
आता है बस साल में एक बार
याद करो उनको
जिनकी वजह से तुम्हारा वजूद है इस दुनिया में
आप उनकी बदौलत है
यह एहसास तो कराना है
उनको नहीं भूलना है
समय-समय पर याद करना है
पितरो की प्रथा निभाना है
इस लोक के साथ उस लोक से भी आशीर्वाद लेना है
अपने जो छोड़ गये
उनको भी कुछ याद करना है
उनका उपकार याद रखना है
उनका आशीर्वाद प्राप्त करना है
उनको इस अवसर पर इस लोक में बुलाना है
अपनी संतानों से साक्षात्कार करवाना है
उनका जी भर स्वागत करना है
मनपसंद भोजन भी करवाना है
यह एहसास दिलाना है
हम तो कभी नहीं भूले
आपसे तो ही हम है
यह बात भी तो सच है
नादानिया - गलतियाँ बहुत कर चुके
फिर भी संतान तो आपकी प्यारी है
स्नेह बरसता रहे
आप आते रहे
हम श्राद्ध करते रहे
आपकी आवभगत करते रहे
अदृश्य होते हुए भी हमें महसूस कराते रहे
वंशबेल को बढते देख खुश होते रहे
हम पर ही नहीं
हमारे संतानों पर भी कृपा करते रहे
अटूट नाता है
कभी न खत्म होने वाला
आना है हर साल
साल भर का आशीर्वाद देकर भी जाना है
जिंदगी के साथ या जिंदगी के बाद
आपका साथ रहे हमेशा बरकरार
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