Sunday, 6 October 2019

मुझसा कोई नहीं

मैं तो बस मै हूँ
मेरे जैसा कोई नहीं
न मै किसी के जैसा
न मुझे बनना है
जो वह कर सकता है
वह मैं नहीं
मैं भी जो कर सकता हूँ
कोई और नहीं
मुझे कोई रोकटोक पसंद नहीं
जीना है अपनी मर्जी से
चलना है अपनी मर्जी से
हर वो काम करना है
जो मुझे रास आए
जीवन मिला है
वह अपने लिए
किसी और के लिए नहीं
कुछ करना है
सबसे अलग अपनी पहचान बनाना है
मैं एक अनमोल कृति हूँ
मैं अनोखा ही सही
सबसे अलग ही सही
जीवन को वरदान समझ कर जीता हूँ
जो मन को भाए
वह करता हूँ
प्रपंच से दूर रहता हूँ
न कोई से दोस्ती न दुशमनी
बस इंसानियत का धर्म निभाता है
न कोई छोटा न बडा
सब बंदो से हंस कर मिलता हूँ
किसी के चेहरे पर मुस्कान ला सकूं
वह काम करता हूँ
कोई मुझे पागल समझता है
कोई मस्तमौला
पर मैं तो बस स्वयं को मानव समझता हूँ
अपने को महान समझता हूँ
मैं तो बस मै हूँ
मुझसा कोई नहीं

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