तब कुछ समझ नहीं आता था
तब सब अच्छा लगता था
आज समझ आ रहा है
जो कुछ हो रहा था
वह तो नाइंसाफी थी
और हम उसे प्यार और लगाव समझ बैठे
दरअसल जब हमारा मन साफ होता है
तब सामने वाला जो कुछ भी करता है
वह सब अच्छा लगता है
वह हमारे साथ धोखा करता है
पर उसका सब जो करता है
अच्छा करता है
क्योंकि यह हमारी दृष्टि है
यही नजरिया है
कहावत है न
सावन के अंधे को सब हरा हरा ही दिखता है
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