दिल कांच का नहीं होता
कांच जैसा होता है
एक बार टूट जाए
तब फिर जुडना मुश्किल
जोडो भी तो दरार तो पड ही गई
अगली बार चूर चूर
इस शीशे में सब साफ दिखता है
इस पर भी गुस्ताखी करना फितरत
बहुत मुश्किल से मिलता है
प्यार करने वाला दिल
उसको तोड़ने का पाप न करो
उसकी कदर करना सीखो
नहीं तो ऐसा न हो कि
आपका स्वयं का दिल आपको जिंदगी भर कोसता रहे
फिर कोई ऐसा न मिले
तरस जाय आप प्यार के लिए
सच्चे प्यार के साथ धोखेबाजी करना
यह न माफ करने वाला अपराध है
दिल को दिल समझो
शीशा नहीं
यह सजीव है
निर्जीव नहीं
यह धातु से नहीं
हाड मांस से बना है
इसलिए दिल का दिल से सम्मान करें
प्यार करने वाले का दिल से शुक्रिया करें
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