माॅ बच्चे को ले स्कूल से लौट रही थी
अचानक घना अंधेरा
घनघोर बारिश का अंदेशा
हवा का तूफानी रूप
ऐसे में माँ का अचानक घबरा जाना
कदमों को जल्दी जल्दी रखना
बच्चे का रूक रूक जाना
आकाश को निहारता
प्रसन्नता से झूमता मचलता
हवा में हाथ लहराता
चलो जल्दी
बिजली कडक रही है
बारिश होगी
बच्चे का उत्तर
अरे रूको
देखो भगवान मेरा फोटो खीच रहे हैं
अपने कैमरे से
माॅ दंग रह गई
अचानक बारिश भी झमझमा उठी
बच्चा नाच उठा
बारिश के पानी में छप छप पैर डालकर
कभी मुख कभी चेहरे पर
वह भरपूर आनंद ले रहा है
माॅ चिंतित है
वह निश्चिंत है
यही तो असल मे जीना है
तूफानी हवा
झमझमाती बरसात
कडकती फडकती बिजली
बच्चे की नजर से देखना है
जीवन को आसान बनाना है
यह सब तो होगा ही
बच्चा बन उसका लुत्फ उठाना है
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
No comments:
Post a Comment