अभी बहुत कुछ बाकी है
कुछ आशा है
कुछ विश्वास है
कुछ सपने है
कुछ इच्छाएं है
उनका इंतजार है
कब आएंगे वह
कब पूरी होगी
उस लम्हे को जीना है
उसे जीने के लिए ही तो जीये जाते हैं
यह न हो तब क्या मजा जीने में
सब पूर्ण हो जाय
तब फिर बचा क्या
यही तो हमें जिंदा रखती हैं
आज नहीं तो कल सही
वह दौर भी आएगा
यह विश्वास है
कर्म पर
भाग्य पर
भगवान पर
जीने की अदम्य जीजिविषा
जकड़े रहते हैं
फिर भी खुश रहते हैं
मुक्त होना नहीं चाहते
महान नहीं मानव है हम
अनंत आशा आंकाक्षा को साथ लेकर
अंत समय तक
कभी जी नहीं भरता
आज यह हुआ
तो कल कोई नया
भावनाओं के भंवरजाल में पडे हम
आंनदित हो झूमते है
यह हमें घूमाता है
यह हमें नचाता है
हम इसकी धुन पर ताउम्र
ता थैया ता थैया करते रहते हैं
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