जबसे हुए जुदा
वो हुए खफा
खता किसकी
यह कोई न जाना
सबने जाना
बस उनका मेरा अलगाव
यह जुदाई न उन्हें रास
न मुझे रास आ रही
पर एक जिद मन में समाई
कौन आगे पग धरे
इस सोच में हो गई देर
कौन पहले
कौन पहले
यह सोचते निकल गया वक्त
यह सोच ले
अभी भी कुछ बाकी है
सब कुछ नहीं हुआ खत्म
कौन कौन पहले से
हम पहले
हम पहले
सोचते दोनों पग बढाए
बीच का सब अवरोध हटाए
मिल जाएं एक - दूसरे से
जुदा-जुदा से बेहतर
हर दम साथ
यही होनी चाहिए
दोनों की आस
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