कीचड़ में पत्थर मारोंगे
वह आप पर ही आएगा
कीचड़ के पास जाएंगे
वह बदबू करेंगा
इसमें दोष उसका नहीं
बदबू करना उसका धर्म और कर्म
यह उसे मिला हुआ है
कितना भी सुगंधित कर लो
इतर और सेंट मिला दो
वह बसाएगा ही
बिना बदबू के उसका असतित्व ही नहीं
पता चला कि
आपको भी उसने अपने लपेटे में ले लिया
समाज में भी
आस-पड़ोस में भी
ऐसे बदबू फैलाने वाले लोग मिल जाएंगे
आप अगर उनसे उलझना चाहते हैं
तब आपको भी उनकी तरह होना पडेगा
किसी ने आपको कुछ कहा
आपने भी उसी तरह प्रत्युत्तर दिया
तब आपमें और उसमें फर्क क्या
इंसान होने के नाते कभी-कभी करना पडता है
तब तो आप उसकी लपेट में आ गए
संगत का असर तो पडता ही है
तब ऐसे तथाकथित बदबूदार से दूर रहें
उसे अनदेखा कर दे
बदबू के पास कौन जाना चाहेंगा
नाक पर हाथ रखकर दूर हट जाते हैं
ऐसे ही इनके साथ भी रहे
ज्यादा अहमियत मत दे
उनको ताकने झांकने दे
दूसरों के घर में क्या चल रहा है
क्योकि उनकी लायकियत ही वही है
जब तक ऐसा नहीं करेंगे
उनको शांति नहीं मिलती
चलता फिरता अखबार है
पर अखबार तो ज्ञान देता है
ये दुश्चर्क फैलाते हैं
तब जरा सावधान
Hindi Kavita, Kavita, Poem, Poems in Hindi, Hindi Articles, Latest News, News Articles in Hindi, poems,hindi poems,hindi likhavat,hindi kavita,hindi hasya kavita,hindi sher,chunav,politics,political vyangya,hindi blogs,hindi kavita blog
No comments:
Post a Comment