यह सुनसान सड़क
कभी हलचल से भरी
आज सुनसान पडी है
चहल पहल रहती थी
वहाँ शांतता पसरी पडी है
ऐसा सन्नाटा छाया
कि पेड़ पौधे भी खडे हैं
नीरव शांति से
बिना इंसान के तो यह भी उदास
क्योंकि उनकी देखरेख
उनका रखवाला
उनको पानी देने वाला
आज घर में बंद है
वह मजबूर हैं
तब यह मदद करना चाह रहे हैं
पर कर न पा रहे हैं
देख रहे हैं
वह भी उदास हैं
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