मैं क्या करू
काम ही काम
सुकून नहीं
पूरे दिन भागम-भाग
घर में आराम के दो क्षण भी नहीं
आज घर में रहना है
पर कितना मुश्किल
इससे तो वह भागम-भाग ही रास आती थी
काम बिना बेकार और बेहाल
खाना पीना और सोना
यही जीवन नहीं
तभी तो कहा जाता है
कर्म ही सबसे बड़ा धर्म
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